सूचना प्रौद्योगिकी

अपनी भूमि का ब्यौरा जानिए

जबलपुर छावनी के विभिन्न अनुदानों / पट्टों पर निजी व्यक्तियों द्वारा रखे गए भूमि के पूर्ण विवरण को जानने में रूचि रखते हैं। कृपया इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग से संपर्क करें।

रक्षाभूमि-रक्षा भूमि प्रबंधन साॅफ्टवेयर

दो प्रकार के महत्वपूर्ण भूमि रजिस्टर हैं। एक रजिस्टर छावनी के भीतर की भूमि के लिए है और दूसर रजिस्टर छावनी के बाहर की भूमि के लिए है। पूर्व रजिस्टर को सामान्य भूमि रजिस्टर (जीएलआर) कहा जाता है और बाद वाले रजिस्टर को सैन्य भूमि रजिस्टर (एमएलआर) कहा जाता है। दोनों रजिस्टर, रिकाॅर्ड सर्वेक्षण में जमीन, उसके क्षेत्र पर कोई स्वामित्व नहीं है, जो उस पर कब्जा कर लेता है, किसी भी हस्तांतरण बिक्री लेनदेन और अन्य विवरण प्रत्येक रक्षा सम्पदा अधिकारी में दोनों रजिस्टर रखे गए हैं। हर छावनी बोर्ड कार्यालय में जी एल आर का रखरखाव किया जाता है। प्रत्येक कार्यालय इन दोनों रजिस्टरों के कई संस्करणों में बनाया जाता है।
छावनी बोर्ड जबलपुर जीएलआर के 07 संस्करणों को बनाए रखता है नवीनतम रक्षा भूमि साॅफ्टवेयर संस्करण 5.0 ने कार्यालय में सफलतापूर्वक स्थापित किया है। रक्षा भूमि में जीएलआर की सभी प्रविष्टियाँ दर्ज की गई हैं। जीएलआर में सभी प्रविष्टियों मुख्य अधिशासी अधिकारी द्वारा प्रमाणित/ हस्ताक्षरित हैं और उन्हें कार्यालय में रखा गया है। रक्षा भूमि में प्रविष्टियां भी मुख्य अधिशासी अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रमाणित डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित की गई हैं। अधिकारी कर्मचारी रक्षा भूमि के उपयोग से परिचित हैं और रक्षा भूमि से जीएलआर प्रविष्टि अंकित किया जा रहा है।

कैंट बोर्ड रिकाॅर्ड रूम के लिए फाइल मैनेजमेंट साॅफ्टवेयर (एफएमएस)

छावनी परिषद जबलपुर के कार्यालय में फाइल प्रबंधन साॅफ्टवेयर (एफएमएस) सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है। साॅफ्टवेयर के दो मुख्य उददेश्य हैं
● सभी फाइलों को एक उचित तरीके से बनाए रखने के लिए ताकि हम किसी भी आवश्यक फाइल को जल्दी से ढूंढ सकें।
● फाइलों के अस्थायी रिकाॅर्ड रखने के लिए हम फाइलों की खोज और छानबीन कर सके। हम दोनों की रिपोर्ट भी ले सकते हैं- सभी फाइलें और फाइलों की आवाजाही।

रक्षा भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण

रक्षा भूमि का प्रबंधन आवश्यक रूप से भूमि रिकाॅर्ड के उचित रखरखाव को करता है। ये जमीन पर सरकारी गतिविधियां हैं अधिग्रहण की कार्यवाही, सामान्य भूमि रजिस्टर, राजस्व योजना, पुराने अनुदान, पट्टे के दस्तावेज, आदि ‘प्राथमिक और माध्यमिक’ साक्ष्य के मूल्य हैं।